5G क्या है 5G नेटवर्क को पिछले साल व्यवसायिक तौर पर रोल आउट किया गया। भारत में 5G network इस साल के अंत तक सर्विस चालू करने की संभावना है।

High speed 5G network को सबसे पहले अमेरिका और दक्षिण कोरिया में चालू किया गया था इसके बाद इसकी शुरुआत चीन एवं और भी कई यूरोपीय देशों में व्यवसायिक तौर पर रोल आउट किया गया।





भारत में 5g network speed क्या होगा ?

भारत में 5G network का speed वर्तमान में 4G नेटवर्क से 10 गुना ज्यादा होगा यानी कि ये 4G नेटवर्क के मुकाबले 10 गुना ज्यादा तेजी से डाटा को ट्रांसफर कर सकेगा।

अभी तक जिस मूवी को डाउनलोड करने में 25 से 30 मिनट लगता था उस मूवी को 5G नेटवर्क सिर्फ कुछ ही सेकंड में डाउनलोड कर देगा।

यही नहीं 5G network के जरिए ultra HD quality की video calling भी संभव हो सकेगा, साथ ही smart devices मे strong connectivity मिल पाएगी।

तो ऐसे में 5G network के जरिए आपका घंटों का काम सेकंडो में हो जाया करेगा और आपका समय का पूरा बचत हो पाएगा।

पांचवी जनरेशन का network यानी कि 5G नेटवर्क सिर्फ कनेक्टिविटी ही बेहतर प्रदान नहीं करेगी बल्कि आपके life style को रोमांचक एवं तेज बनाएगी।





5G क्या है कैसे काम करता है।


5G नेटवर्क खासतौर पर चार प्रकार के टेक्नोलॉजी NSA-5G यानी Nanstand alone 5G, SA-5G यानी standalone 5G, SUB-6 GHz एवं mmWave पर काम करता है।

इन चार technology के द्वारा user के device तक 5G network को connect किया जाता है।




5g vs 4g speed दोनों में क्या है अंतर?

4जी और 5G में बहुत बड़ा अंतर है और हम इसको 8 भागो में इस बड़े अंतर को बताने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें सबसे बड़ा अंतर 5G नेटवर्क के स्पीड का है।



1. 5g vs 4g speed

इन दोनों नेटवर्क 5G और 4G सबसे खास एवं बड़ा अंतर स्पीड की है, 5G की स्पीड 4G से करीब 10 गुना ज्यादा होगा। अभी तक 4जी की मैक्सिमम आइडल स्पीड 100 Mbps की होती है, यानी करीब 100 mb प्रति सेकंड।

वही 5जी की स्पीड करीब 10Gbps रहेगी यानी एक सेकंड में 10GB का डाटा ट्रांसफर होगा। इससे ये साफ हो जाता है कि 4G की तुलना में 5G करीब 100 गुना ज्यादा तेजी से काम करेगा।


2. इंफ्रस्ट्रक्चर

अगर 4g और 5G के इंफ्रस्ट्रक्चर की बात करें तो आने वाले समय में इंटरनेट यूजर कई गुना बढ़ने वाले हैं और इस स्थिति में 4G का इंफ्रास्ट्रक्चर है वो कमजोर होता हुआ दिख रहा है इसलिए भी 5G के मजबूत इंफ्रस्ट्रक्चर की बहुत जरूरी है।

5G का इंफ्रस्ट्रक्चर भविष्य में बढ़ते हुए इंटरनेट यूजर के बोझ को आसानी से झेल पाएगा, इसलिए 4G और 5G में अंतर का दूसरा कारण हम इंफ्रस्ट्रक्चर को ही ले रहे हैं।


3. लैटेंसी (मैसेज जाने और आने में लगने वाला स्पीड को नापने वाला यंत्र)


उदाहरण के लिए अगर आप अपने किसी दोस्त को कोई मैसेज भेजते हैं तो वो मैसेज एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में जो समय एवं स्पीड लगता है इसी को नापने वाला यंत्र को लैटेंसी कहा जाता है।

मैसेज आने एवं आने का जो समय होता है ये इतना कम होता है कि हम इसे महसूस भी नहीं कर पाते हैं, ये समय बहुत ही कम होता है यानी मिलीसेकंड का ही होता है। अब आप सोचिए जब 4जG में हम इस समय को महसूस नहीं कर पाते हैं तो 5G में आपके द्वारा भेजा हुआ मैसेज कितना स्पीड से जाएगा एवं आएगा।

4. बफरिंग (वीडियो को एक फ्रेम में लगाने वाला यंत्र)


जब आप ऑनलाइन कोई वीडियो चालू करते हैं तो उस वीडियो के सभी फ्रेम्स को इंटरनेट एक लाइन में सजाते हैं और फिर वो वीडियो चलना शुरू होता है, इसी फ्रेम को सजाने वाले यंत्र को बफरिंग कहते हैं।

जब आपके मोबाइल का net speed fast होता है तो आपको ये फ्रेम सजते हुए दिखता भी नहीं है तुरंत वीडियो चालू हो जाता है, लेकिन वहीं जब आपके नेट स्पीड स्लो होता है तो आपने गौर किया होगा वीडियो चालू होने के पहले फ्रेम इधर से उधर भागते हुए दिखते हैं और फिर वीडियो चालू होता है।

वैसे तो 4G नेटवर्क में भी हमें किसी वीडियो या गेम में बफरिंग की समस्या ना के बराबर दिखती है अब आप सोच सकते हैं 5G में ये कितने स्पीड से चलेगा।


5. लोडिंग


जब आप किसी भी ब्राउज़र में कुछ लिखकर सर्च करते हैं तो रिजल्ट आने में जो थोड़ा सा समय लगता है उसी को लोडिंग कहते हैं, 4G में इस लोडिंग का स्पीड 20ms प्रति सेकंड का होता है लेकिन यही लोडिंग का स्पीड 5G में 2ms प्रति सेकंड होने की बात कही गई है।

अब आप सोच सकते हैं 5G नेटवर्क में आप किसी ब्राउज़र में कुछ लिखकर जैसे एंटर करेंगे वैसे चीजें आपके सामने आ जाएगी यहां पर लोडिंग का मतलब ही खत्म सा हो जाएगा।


6. नेटवर्क कंजेशन


उदाहरण के लिए आपके एरिया में एक टावर से अभी तक 50 लोग अपने मोबाइल या कंप्यूटर को कनेक्ट कर रहे थे लेकिन समय के साथ उपभोक्ता बढ़ते हैं और एक ही टावर से 50 के जगह 100 लोग कनेक्ट होने लगते हैं तो इस स्थिति में हमारे पास नेटवर्क कंजेशन का समस्या आने लगता है।

5G आने के बाद नेटवर्क कंजेशन की समस्या लगभग खत्म हो जाएगी क्योंकि ये बढ़ते हुए उपभोक्ता को रिफ्रेश करके बराबर का स्पीड दिया करेगा ऐसा बताया जा रहा है।


7. ऑनलाइन गेमिंग लैग


कई बार आपने गेम खेलते हुए ये पाया होगा कि आपने अभी कोई बटन दबाया और कुछ सेकंड बाद उसका रिस्पांस आपको देखने को मिला इसी को हम गेम लैग कहते हैं।

5G नेटवर्क में गेम लैग होने की कोई समस्या नहीं रह जाएगी। अगर आपने पब्जी जैसा गेम खेला होगा तो आपने पाया होगा कि जब आप किसी को गोली मारने के लिए बटन दबाते हैं लेकिन गोली थोड़ी देर बाद निकलती है ये समस्या 4G में होता है लेकिन 5G में इस तरह के समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे।